केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की नाराजगी अब भी कम होती नहीं दिख रही है। किसान पिछले करीब 7 महीने से दिल्ली में धरना दिए हुए। इन किसानों की एक ही मांग है कि यह तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया जाए और MSP पर कानून बनाया जाए।
आज होनी थी BJP नेताओ की मीटिंग
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इसी बीच 10 जुलाई को हरियाणा के यमुनानगर में बीजेपी की एक बैठक होनी थी जिसका विरोध किसानों ने किया। इस बैठक में हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा को शामिल होना था। लेकिन उनके आने से पहले ही पुलिस और किसानों के बीच में झड़प हो गई।
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खबरों के मुताबिक मूलचंद शर्मा, कंवरपाल गुर्जर, व पार्टी के नेता रतन लाल कटारिया सहित तमाम बीजेपी के नेताओं को इस बैठक में शामिल होना था। इन बीजेपी नेताओं को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
#WATCH | A group of farmers in Haryana's Yamunanagar jump over the police barricading while protesting against State Cabinet Minister Mool Chand Sharma regarding new farm laws pic.twitter.com/DoTTi8zurx
— ANI (@ANI) July 10, 2021
किसानों ने गुस्से में आने के बाद ट्रैक्टर की मदद से बैरिकेड को तोड़ दिया और बहुत से किसान बैरिकेड के ऊपर चढ़कर पुलिस से बहस बाजी करने लगे। मामला को बढ़ता देख भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
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अब दोनों पक्ष आमने-सामने टकराव की स्थिति में आ गए हैं जिसको देखकर पुलिस फोर्स को अलर्ट कर दिया गया। बड़ी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह से ट्रैक्टर व किसानों को आगे जाने में रोका। इस कार्यवाही के दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की की भी खबरें सामने आई।
किसानों पर होगी कार्यवाही – DSP
बिलासपुर के डीएसपी आशीष चौधरी के मुताबिक जितने भी किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को ट्रैक्टर से धक्का मारा है उनके ऊपर कार्यवाही की जाएगी। पुलिस ने हालात को काबू में कर लिया। किसान नेता राकेश टिकैत ने इस हंगामे से पहले ani से बात करते हुए कहा कि भारत सरकार बातचीत करना चाहती है तो हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने का कार्यक्रम 22 तारीख से हमारा शुरू हो जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा हम इस मामले को लेकर हम UN जाएंगे
आपको बता दें संसद का सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। किसानों ने तैयारी की है कि 22 जुलाई से 200 लोग संसद के पास धरना देने के लिए जाएंगे। राकेश टिकैत ने यह भी कहा इन कृषि कानूनों को लेकर वह संयुक्त राष्ट्र तक जाएंगे। राकेश टिकैत ने का कि हमने सरकार से अपील की थी कि 26 जनवरी को हुई घटना की निष्पक्ष जांच की जाए लेकिन देश की जांच एजेंसियां जांच नहीं कर रही है, तो क्या हम यूएन में जाएं?