पिछले 10 महीनों से दिल्ली की बॉर्डर पर किसान कृषि कानूनों का विरोध जता रहे हैं। कृषि कानूनों को विरोध के चलते सड़कों को बंद कर दिया गया है। लेकिन कृषि कानूनों की विरोध कर रहे किसानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत Supreme Court से मांगी थी।
Supreme Court ने किसानों के संगठनों को जमकर लगाईं फटकार
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दिल्ली के जंतर-मंतर पर इजाजत करने की मांग पर Supreme Court ने शुक्रवार को किसान संगठनों को जमकर फटकार लगाई है। Supreme Court ने सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए कहा कि आपने पूरे दिल्ली शहर का दम घुट दिया है। प्रदर्शन की वजह से आपने हाईवे बंद कर दिए हैं। किसान संगठनों ने कहा था कि हम जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण और अहिंसक विरोध प्रदर्शन करेंगे। किसानों ने कहा कि हम 200 किसान जंतर मंतर पर एकजुट होंगे जिसके लिए हमें इजाजत दी जाए।
पुरे शहर का दम घुट आप लोगों की प्रदर्शन से घुट गया है – Supreme Court
किसानों के इस मांग पर Supreme Court ने जवाब देते हुए कहा कि आपने पूरे शहर का दम घुट दिया है और अब आप शहर को बंद करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों से सवाल पूछा कि यहां के रहने वाले नागरिकों का क्या इस प्रदर्शन से खुश हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी गतिविधियां अब बंद हो जानी चाहिए।
नेशनल हाई वे बंद कर लोगों को परेशानी में नहीं डाला जा सकता – Supreme Court
जस्टिस AM खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी कानून को अदालतों में चुनौती देने के बाद कोर्ट पर विश्वास करना चाहिए। किसानों से कहा कि आपका प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन नेशनल हाईवे को ब्लॉक होने के चलते लोगों की परेशानी का भी ध्यान रखना चाहिए। लोगों को परेशानी में नहीं डाला जा सकता है।
Supreme Court में नोयडा की एक महिला ने दी है अर्जी
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से कहा कि जो भी आपकी समस्या है उसका समाधान जुडिशल फोरम या संसदीय चर्चा के माध्यम से ही निकाला जा सकता है। आपको बता दें नोएडा की एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल किया जिसमें लिखा गया कि दिल्ली बॉर्डर ब्लॉक हो जाने की वजह से नोएडा से दिल्ली पहुंचने में 20 मिनट के बजाए 2 घंटे का समय लग जाता है जो एक बुरे सपने की तरह से है।
सरकार जल्द से जल्द निकले इस समस्या का समाधान – सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court ने अगस्त के महीने में केंद्र सरकार को कृषि कानूनों का समाधान निकालने के लिए कहा था। 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसानों का प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन सड़कें अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं किया जा सकता है। केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से आदेश दिया गया कि समस्या का हल जल्द खोजा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से भी अनुरोध किया कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का की वजह से जो भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लोगों की आवाजाही में समस्याएं हो रही है उसका जल्द से जल्द समाधान किया जाए।
4 thoughts on “Supreme Court ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को लगाई फटकार, राष्ट्रीय राज्यमार्ग को बंद कर आम लोगों को परेशान करना उचित नहीं, सरकार जल्द निकाले समाधान।”