LOK – SABHA: 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ था। इस मानसून सत्र का आखिरी सप्ताह चल रहा है। मानसून सत्र 13 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। इस मानसून सत्र के दौरान पिछले कई हफ्ते हंगामे की भेंट चढ़ चुके। उम्मीद थी कि आखिरी हफ्ते में शायद हंगामा रुक जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारी हंगामे के चलते लोकसभा (LOK – SABHA) के स्पीकर ओम बिरला ने अनिश्चित काल के लिए लोक सभा को स्थगित कर दिया है। इस फैसले के बाद से इस मानसून सत्र की कार्यवाही तय समय से पहले ही समाप्त हो गई है।
यह भी पढ़े:साइटोमेगालो वायरस का खतरा : राजधानी में मिला एक वायरस !
LOK – SABHA में आज भी हुआ हंगामा
विषय सूची
आपको बता दें कि जब से मानसून सत्र शुरू हुआ है तब से पेगासस जासूसी विवाद और किसी कानून को लेकर विपक्ष सदन में हंगामा शुरू कर देता है। मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलना था। लोकसभा (LOK – SABHA) अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन स्थगित करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
LOK – SABHA में उम्मीद के मुताबिक नहीं हुआ काम – ओम बिरला
ओम बिरला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा 17वीं लोकसभा (LOK – SABHA) का आज छठवां सत्र था। अपेक्षाओं के अनुरूप सदन में इस बार कामकाज नहीं हो पाया है। कामकाज उम्मीदों के मुताबिक ना होने की वजह से मेरे मन में दुख है। मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि सदन में अधिक से अधिक कामकाज हो। सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो लेकिन इस बार लगातार विरोध और गतिरोध बना रहा जो समाप्त नहीं हो पाया।
यह भी पढ़े: IND vs ENG 2021: पहले टेस्ट मैच में जो रूट को प्लेयर ऑफ द मैच, देने पर भड़के पूर्व भारतीय दिग्गज?
हंगामे के बीच LOK – SABHA में सरकार ने पास कराये 20 विधेयक
ओम बिरला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पिछले 2 वर्ष से संसद के कामकाज की दृष्टि से अधिक उत्पादकता वाले सत्र रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार के मानसून सत्र में 22 फ़ीसदी उत्पादकता रही। मानसून सत्र में 20 विधेयक पारित हुए हैं। मेरी सभी सदस्यों से अपेक्षा रहती है कि वह सदन की मर्यादा को बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी संसदीय मर्यादा बहुत उच्च कोटि की है और मेरा सभी सांसदों से आग्रह है कि संसदीय परंपराओं का पालन करते हुए सदन चलने में सहयोग करें। सदन में तख्तियां और नारे लगाना हमारी परंपराओं के विरुद्ध है।
राज्यों को OBC सूचि बनाने की मिलेगी अनुमति पास हुआ विधेयक
आपको बता दें इस बार का मानसून सत्र ज्यादातर हंगामे की भेंट चढ़ा है। इस बार मानसून सत्र में जितना काम नहीं हुआ है उससे ज्यादा हंगामा हुआ है। इतने हंगामे के बावजूद भी सरकार ने कई सारे विधेयकों को पास करा लिया। इस बार कई सारे संशोधन विधेयक भी पारित कराए गए हैं। इन सभी विधायकों में सबसे महत्वपूर्ण विधेयक ओबीसी सूची बनाने की अनुमति राज्यों को देने वाला विधेयक शामिल है।
यह भी पढ़े: क्या है Marburg virus ? मरीज की 8 दिन के भीतर हो जाती है मौत। इबोला और कोरोना से भी है खतरनाक।
4 पूर्व सदस्यों को दी गयी श्रद्धांजलि
एक बार अनिश्चितकाल के लिए सदन स्थगित होने से पहले संसद में 4 पूर्व सदस्यों को भी श्रद्धांजलि दी जिनका हाल में ही निधन हुआ है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे।
विपक्ष ने लगाया सरकार पर बदनाम करने का आरोप
वही सदन की कार्यवाही को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा LOK – SABHA को निर्धारित तिथि 13 अगस्त से पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा अचानक से लिया गया फैसला है। उन्होंने बताया कि इस बार सदन महत्वपूर्ण मुद्दों पर किसी भी प्रकार की कोई चर्चा सरकार ने नहीं की। यह कार्यवाही सिर्फ और सिर्फ विपक्ष को बुरा साबित करने के लिए किया गया है।
सरकार का मकसद है विपक्ष को छोटा दिखाना और सच को गुमराह कर देना
अधिर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी की तरफ से हमारे विरुद्ध किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कराने में किसी भी तरह का कमी नहीं छोड़ा जाएगा क्योंकि सत्ताधारी पार्टी का एक ही मकसद है और वह है विपक्ष को छोटा दिखाना और सच को गुमराह कर देना। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार ने सदन में पेगासस जासूसी मुद्दे को लेकर किसी भी प्रकार का चर्चा करने का कोई मौका नहीं दिया है।
पेगासस मुद्दे पर सरकार देती है अलग अलग जवाब
उन्होंने कहा कि सदन के अंतिम दिन तक भी इस जासूसी मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हो पाई। अधीर रंजन चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि LOK – SABHA और राज्यसभा में पेगासस के मुद्दे को लेकर सरकार अलग-अलग जवाब देती है पुलिस इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय अलग-अलग तरह के बयान दिए हैं।