Priyanka Gandhi उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के लिए जान भूँकने का कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा (UP Election 2022) चुनाव होना है। इसी बीच बीते 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर बीजेपी नेता की गाड़ी चढ़ जाती है जिसकी वजह से 4 किसानों समेत नौ लोगों की मौत हो जाती है। इस घटना को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अब अपनी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में जुट गई है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने रखा है मौन व्रत
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नवजोत सिंह सिद्धू बीजेपी नेता के बेटे की गिरफ्तारी होने तक मौन व्रत धारण किए हुए थे। कांग्रेस अपने अलग तेवर में है और प्रियंका गांधी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही हैं। प्रियंका गांधी ने सबसे पहले किसानों के मुद्दे को लेकर मुख्य एजेंडा बनाया। किसान आंदोलन का मुख्य एजेंडा बनाने के बाद प्रियंका गांधी ने कार्यकर्ताओं के अंदर एक सियासी गर्माहट भरी और अब लखनऊ में ही डेरा डालने का फैसला कर लिया है।
लखनऊ में Priyanka Gandhi ने डाला डेरा UP Election 2022 को लेकर कर रही है तैयारी
प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) अब आने वाले कुछ दिनों में लखनऊ में ही रुकने वाली है जिसको सुनकर पार्टी कार्यकर्ताओं में बेहद उत्साह का माहौल बन गया है। आपको बता दें कांग्रेसी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं की यह लंबे समय से मांग रही है की प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को लखनऊ में डेरा डालना चाहिए। लखनऊ में डेरा डालने को लेकर प्रियंका गांधी कई बार योजना बनाई लेकिन कभी कोरोना के चलते तो कभी किसी अन्य वजह के चलते इस योजना को पूरा नहीं किया जा सका था। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लगभग 100 दिन बचे हैं तो ऐसे में उन्होंने चुनाव तक लखनऊ में ही रुकने का पूरा कार्यक्रम बना लिया है।
इससे पहले Priyanka Gandhi अपने एक रिश्तेदार के घर रूकती थी
इससे पहले प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) जब भी लखनऊ आती थी वो अपने एक रिश्तेदार यहां रुका करती थी। प्रियंका गांधी के प्रवास के लिए रिश्तेदार के घर को अच्छी तरह से तैयार कर लिया गया है। जिस घर में प्रियंका गांधी उस रुकेगी रिश्तेदार का नाम शिला कॉल है जिनका निधन 2015 में हो गया था। शिला कॉल भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की भाभी है। शीला कॉल केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं।
Priyanka Gandhi का लखीमपुर खीरी मुद्दे को लेकर क्या चुनाव में डालेगी कोई बीजेपी के लिए खलल
लेकिन अगर बात करें तो क्या लखीमपुर खीरी में प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का दौरा भारतीय जनता पार्टी के लिए आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव पर कोई फर्क डालेगा? अगर इसकी बात करें कि भारतीय जनता पार्टी को प्रियंका गांधी को लेकर क्या खतरा होगा? तो इस बारे में कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षक यह मानते हैं कि यूपी में अपने पैर जमीन पर मजबूती से टिका दिया है और खुद को स्ट्रीट फाइटर मोड पर स्विच कर लिया है। यह बात प्रियंका गांधी के लिए कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं।
अगर 1970 के दशक की बात करें तो उनकी दादी इंदिरा गांधी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की स्टाइल सीट से उधार लेते हुए उन्होंने जब लखीमपुर खीरी जाने का फैसला किया और रास्ते में यूपी पुलिस ने उन्हें रोका उसी लहजे में उन्होंने पुलिस वालों की दहाड़ लगाई।
प्रियंका गाँधी को लखीमपुर जाने से पहले सीतापुर में किया गया था नजर बंद
उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को लखीमपुर खीरी से करीब 100 किलोमीटर दूर सीतापुर में एक गेस्ट हाउस में नजरबंद किया था लखीमपुर खीरी के मुद्दे को अगर देखें तो प्रियंका गांधी एक ऐसी नेता के रूप में दिखाई थी और उन्होंने अखिलेश यादव को भी अपने इस रवैया से हैरान कर दिया था। लेकिन यह प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के व्यक्तिगत जीत का एक क्षण था और ऐसा संभव नहीं लगता कि भाजपा को बहुत ज्यादा नुकसान इसके चलते होगा। भाजपा को थोड़ा बहुत नुकसान हो सकता है लेकिन 2022 के चुनाव में उनकी पार्टी की किस्मत बदल जाए इतना पर्याप्त नहीं होगा।
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