अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री मोदी से फ़ोन पर बात की। फोन पर बातचीत के दौरान अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री मोदी से वैक्सीन सप्लाई पर वादा किया। जिस दिन कमला हैरिस ने वैक्सीन सप्लाई का वादा किया था उसके अगले दिन ही अमेरिका से एक बड़ी खबर है आई।
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अमेरिका ने एस्ट्राजेनिका, नोवावैक्स और सनोफी वैक्सीन से डीपीए रेटिंग्स को हटा दिया है | इस डीपीए रेटिंग के हटाने के बाद से ही भारत में अमेरिका से वैक्सीन सप्लाई का रास्ता साफ हो गया है | कुछ एजेंसी के दिए रिपोर्ट के अनुसार वाइट हाउस की कोविड रिस्पांस कोऑर्डिनेटर जेफ़ जॉइंट्स ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में इसका एलान किया था। जॉइंट्स ने कहा देश में कोरोना के टीके की उपलब्धता है और इसपर सुनिश्चित होने के बाद ही बाइडेन सरकार ने इन वैक्सीन से रक्षा उत्पादन अधिनियम की प्राथमिकता रेटिंग हटाने का फैसला किया है।
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इस फैसले से अब कंपनियों को मदद मिलेगी कि वह किसको वैक्सीन बेचना चाहती हैं, इस पर वह फैसला कर सकते हैं। जॉइंट्स ने कहा हमारे देश के नागरिकों के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध है। राष्ट्रपति की ओर से उठाए गए इस डीपीए रेटिंग समेत अन्य आक्राकमक कदमों का ही नतीजा है। जॉइंट्स ने बताया एक्स्ट्राजेनिका , नोवावैक्स, सनोफी की वैक्सीन से डीपीए हटा लिया गया है, लेकिन कंपनियां अपने उत्पादन जारी रखेंगे। सरकार के इस फैसले के बाद से कंपनियां अब स्वतंत्र रूप से फैसला ले सकती हैं , कि उन्हें कौन सा आर्डर पहले पूरा करना है।
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जॉइंट्स ने कहा मार्च में हमने कनाडा और मेक्सिको को एक्स्ट्राजेनिका वैक्सीन की 4 मिलियन से अधिक डोज की आपूर्ति की है। जॉइंट्स ने आगे कहा राष्ट्रपति ने जून के अंत तक वैक्सीन की 80 मिलियन डोज सांझा करने की तैयारी की है।
व्हाइट हाउस की कोविद रिस्पांस कोऑर्डिनेटर ने कहा कि हम अमेरिकी व्यक्ति निर्माताओं के साथ इस तरह से काम कर रहे हैं जिससे दुनिया के अन्य देशों के लिए वैक्सीन की आपूर्ति और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न किए जा सके। उन्होंने अंत में कहा कि हम दुनिया के साथ वैक्सीन की 25 मिलियन डोज साझा करने के ढांचे पर लगातार काम कर रहे हैं।