NEET SS 2021 EXAM पर Supreme Court न केंद्र सरकार को लगाई फटकार कहा सत्ता के खेल में युवा चिकित्सकों को फूटबाल की तरह सरकार न करें इस्तेमाल !

27 सितंबर दिन सोमवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने युवा चिकित्सकों (NEET SS 2021 EXAM) को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि युवा चिकित्सकों का सत्ता के खेल में फुटबॉल की तरह से इस्तेमाल न किया जाए।

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NEET SS 2021 EXAM के पाठ्यक्रमों के बदलाव से नाखुश है SUPREME COURT

केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET SS 2021 EXAM) के पाठ्यक्रमों में अंतिम समय में बदलाव के औचित्य से संतुष्ट नहीं हुआ तो वह प्रतिकूल टिप्पणियां करेगा। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा की युवा चिकित्सकों (NEET SS 2021 EXAM) को कुछ असंवेदनशील नौकरशाहों के हाथों में खेलने की अनुमति नहीं देना है।

NEET SS 2021 EXAM

1 सप्ताह के अंदर अधिकारीयों के साथ बैठक करने का आदेश

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड से उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह अपना घर दुरुस्त करें। उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश की गई अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को 1 सप्ताह के अंदर अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करने का आदेश दिया है।

युवा चिकित्सकों का फूटबाल की तरह इस्तेमाल न करे सरकार

दोनों ने न्यायमूर्ति की पीठ ने कहा कि आप बेहतर कारण बताएं क्योंकि यदि हम संतुष्ट नहीं हुए तो आपके बारे में प्रतिकूल टिप्पणियां पारित की जाएंगी। न्यायालय ने कहा सत्ता के खेल में युवा चिकित्सकों (NEET SS 2021 EXAM) का इस्तेमाल फुटबॉल की तरह नहीं किया जाए। न्यायालय ने आदेश देते हुए कहा कि बैठक करके अपने घर को दुरुस्त किया जाए। हम युवा चिकित्सकों के जीवन को कुछ और संवेदनशील नौकरशाहों के हाथों में नहीं आने देंगे।

NEET SS 2021 EXAM के पाठ्यक्रमों के बदलाव को दी गयी थी चुनौती

आपको बता दें अदालत में 41 स्नातकोत्तर चिकित्सकों (NEET SS 2021 EXAM) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमे परीक्षा की अधिसूचना जारी होने के बाद अंतिम समय में पाठ्यक्रम में बदलाव करने की चुनौती दी गई थी। शुरुआत में युवा चिकित्सकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने बताया कि इस मामले में एक लिखित दलील भी दाखिल की गई है। एनएमसी की ओर से अधिवक्ता गौरव शर्मा ने बताया कि वे मामले में जवाब दाखिल करना चाहते हैं और 1 सप्ताह के अंत तक के समय देने का अनुरोध किया।

31 अगस्त को NEET SS 2021 EXAM के पाठ्यक्रम में हुआ था बदलाव

पीठ  ने पूछा श्री शर्मा जी NMC क्या कर रही है? युवा चिकित्सकों के जीवन के बारे में बात करने की कोशिश करते हैं जो सुपर स्पेशलिटी कोर्स करने वाले हैं। 23 जुलाई को परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी होती है और फिर 31 अगस्त को पाठ्यक्रम में बदलाव कर दिया जाता है यह क्या है? 13 और 14 नवंबर को परीक्षा में बैठना है और ऐसे में अंतिम समय में पाठ्यक्रम में बदलाव करने का क्या कारण है इसका स्पष्टीकरण हमें चाहिए।

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NBE की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि अगले सोमवार तक जवाब दाखिल करने का समय मिले क्योंकि हम बदलाव के कारण के लिए उपयुक्त कारण लाएंगे और अधिकारी छात्रों की कठिनाइयों से अच्छी तरह वाकिफ थे तथा संबंधित अधिकारियों के अनुमोदन के बाद इसे मंजूरी दी गई थी।

2018 से थी बदलाव की तैयारी

पीठ ने फिर मनिंदर सिंह से सवाल पूछा कि अगर पाठ्यक्रमों (NEET SS 2021 EXAM) में बदलाव करना था तो परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी क्योंकि गई? क्या यह बदलाव अगले साल नहीं हो सकते थे? आप देखिए छात्र इन महत्वपूर्ण चिकित्सा पाठ्यक्रमों की तैयारी महीनों पहले शुरू करते हैं और इस तरह से अंतिम समय में बदलाव करने की क्या जरूरत थी? इसका जवाब देते हुए अधिवक्ता सिंह ने बताया कि पाठ्यक्रमों में बदलाव की तैयारी लंबे वक्त से चल रही थी। पाठ्यक्रम में बदलाव 2018 से करने की तैयारी थी और संबंधित अधिकारियों ने कठिनाइयों का ध्यान रखने की कोशिश किया। अधिवक्ता सिंह ने कहा कि हमें 1 हफ्ते का समय दीजिए हम सब कुछ समझा देंगे।

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याचिका में बताया गया है कि परीक्षा के प्रचलित प्रारूप के अनुसार अति विशिष्ट पाठ्यक्रमों के प्रश्नों पर 60% अंक दिए जाते हैं जबकि 40% अन्य पाठ्यक्रमों से छात्रों को मिलते हैं। याचिका में यह भी बताया गया और दावा किया गया कि सूचना बुलेटिन के मुताबिक प्रवेश परीक्षा को पूरी तरह से बदल दिया गया है और NBA ने कहा कि स्नातकोत्तर की निकास परीक्षा के स्तर पर ही होगी।

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