T-सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार को मुंबई के जुहू इलाके में 12 अगस्त 1997 को मंदिर के बाहर 16 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। गुलशन कुमार हत्याकांड में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था जबकि कुछ पर मुकदमा चल रहा था। जस्टिस यादव और जस्टिस बोरकर ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है।
रउफ पेरोल से एक बार भाग भी चूका है बांग्लादेश
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गुलशन कुमार हत्याकांड मामले से जुड़ी एक याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा की हत्या के दोषी अब्दुल रऊफ उर्फ दाऊद मर्चेंट की सजा को बरकरार रखा जाएगा। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का साथी अब्दुल रऊफ को सेशन कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ साफ कहा कि अब्दुल रऊफ किसी भी तरह की उदारता का हकदार नहीं है क्योंकि वह पहले भी पैरोल से भागकर बांग्लादेश चला गया था।
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रउफ के भाई को भी हुई सजा
जानकारी के अनुसार राशिद मर्चेंट जो रऊफ का भाई है उसको सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया था। अब उसे भी उम्र कैद की सजा सुना दी गई है। अप्रैल 2002 में अब्दुल रऊफ को गुलशन कुमार हत्याकांड के मामले में दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा दी गई थी। अब्दुल रऊफ 2009 में पैरोल लेकर बाहर आया था और बांग्लादेश फरार हो गया था। फिर उसको बांग्लादेश से पकड़कर भारत लाया गया।
चार याचिकाएं हुई थी दायर
गुलशन कुमार हत्याकांड से जुड़ी कुल 4 याचिकाएं मुंबई हाईकोर्ट में आई थी। इन चार याचिकाओं में से 3 याचिका अब्दुल रऊफ, राकेश चंचला पिन्नम और राकेश खाओकर को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ दी गई थी। बाकी एक याचिका महाराष्ट्र सरकार ने दायर की। यह याचिका बॉलीवुड प्रोड्यूसर रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ दिया गया था जिस पर हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। बाद में उनको बरी कर दिया गया था। मुंबई हाई कोर्ट ने अन्य दोषियों कि अर्जी को आंशिक रूप से सुनने की बात कही है।
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